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Sahaja Yoga Hindi Article

जीवन में संतुलित स्थिति प्राप्त करें

प्रत्येक मनुष्य के शरीर में जन्म से ही एक सूक्ष्म तंत्र होता है। जिसमें तीन नाड़ियां,सात चक्र और परमात्मा की दी हुई शक्ति विद्यमान है।परमात्मा की यही शक्ति जो कि कुंडलिनी शक्ति के नाम से जानी जाती है – हमारी रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले भाग में सुप्त अवस्था में रहती है।

प्राचीन काल में बहुत से साधु संन्यासियों ने अत्यंत कठिन तपस्या एवं एकांत में ध्यान कर कुंडलिनी शक्ति को जागृत किया, और परमात्मा से एकाकारिता प्राप्त की।

आज के युग में श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा सहजयोग के माध्यम से कुंडलिनी शक्ति की जागृति सहज में ही हो जाती है,और मनुष्य योग अवस्था को प्राप्त करता है।इसमें मनुष्य में शारीरिक, मानसिक, भौतिक लाभ तो होते ही हैं,लेकिन सबसे बड़ा लाभ है आध्यात्मिक उन्नति और ईश्वर से एकाकारिता।

कुंडलनी शक्ति के संहजता में जागृति से हम स्वयं के गुरु हो जाते हैं,और जीवन में संतुलित स्थिति प्राप्त करते हैं।सहज योग में श्री माता जी की आशीर्वाद से योग की अवस्था सरलता से प्राप्त कर सकते हैं और तत्पश्चात सुबह व शाम को कुछ मिनटों के ध्यान धारणा से अपना योग पूर्ण रूप से स्थापित कर सकते हैं।

सहज योग विश्व की 110 देशों में निशुल्क बताया जाता है।सहजयोग से पारिवारिक शांति,स्वास्थ्य लाभ,बुरी आदतों से छुटकारा,आंतरिक चेतना का विकास एवं आध्यात्मिक उत्थान एवं वर्तमान में फैली हुई कोरोना वायरस से हमें दूर रखने के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति केवल सहजयोग से ही मिल सकती है।

इसके बारे में अधिक जानकारी हेतु इस टोल फ्री नंबर पर संपर्क करें- 1800 30 700 800

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